शा.प्रा.शाला सिहारबुड़ संकुल कांसाबेल "अ" विकासखण्ड कांसाबेल
के प्रधानपाठक श्रीमती स्थेर तिग्गा के सेवानिवृत्त होने पर संकुल स्तरीय विदाई समारोह कार्यक्रम।
आयोजित किया गया ।कार्यक्रम में संकुल के सभी शिक्षक शिक्षिकाएं सर्वप्रथम तिग्गा मैडम को मुख्य द्वार से स्वागत करते हुए कार्यक्रम स्थल तक लाए ततपश्चात उन्हें ससम्मान मुख्य अतिथि के आसन पर बैठाकर बैच लगाते हुए पुष्प गुच्छ से स्वागत किए।कार्यक्रम में उनके साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री अनिल तिग्गा जी प्राचार्य शा.उ.मा.विद्यालय शेखरपुर उपस्थित थे।
कार्यक्रम में शिक्षक शिक्षिकाओं ने उनके साथ किए गए कार्यों को साझा करते हुए कहा कि तिग्गा मैडम मिलनसार, हंसमुख स्वभाव की है तथा सभी के साथ उनका बहुत अच्छा व्यवहार है इसलिए सभी के प्रिय थीं तथा कभी भी उन्होंने किसी के दिल को दुखाने वाली बात नहीं करती है।इस अवसर पर सभी शिक्षक शिक्षिकाएं भावुक थे सभी के मन में उनके सेवानिवृत्त होने का दुःख था।परंतु परिवर्तन संसार का नियम है और सभी को इस रास्ते से गुजरना है ।विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित श्री अनिल तिग्गा जी ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि हम सभी को इस परिवर्तन से गुजरना है कोई पहले कोई बाद में।हमने अपने सेवा अवधि में बहुत से उतार चढ़ाव देखे तथा आज उन सभी को जूझते हुए गृह ब्लॉक एवं जिले में ही सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है जहां अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।आप सभी भी ईमानदारी पूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए अपने सेवा कार्य को पूर्ण करेंगे ।
श्रीमती तिग्गा मैडम ने अपने संबोधन में कहा कि आप सभी के स्नेह एवं आशीर्वाद से ही मैं अपने इस कार्य को पूर्ण कर पाई ।साथ ही आप सभी का स्नेह इसी तरह बना रहे तो मेरा शेष जीवन भी निश्चित ही खुशहाल तरीक़े से व्यतीत होगा।मैं आप सबके साथ हमेशा जुड़ी रहूंगी तथा हर परिस्थिति में साथ रहूंगी कार्यक्षेत्र से जरूर विदा ले रही हूं परंतु व्यक्तिगत जीवन में आप सभी से हमेशा साथ में रहूंगी।स्कूली बच्चों के द्वारा भी स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया गया।श्री घनश्याम साय जी प्रधानपाठक शा.जनपद प्रा.शा.डांडपानी के द्वारा अत्यंत मधुर स्वर में विदाई गीत प्रस्तुत किया गया ।कार्यक्रम के अंत में संकुल शैक्षिक समन्वयक श्री गणेश चौहान द्वारा भी मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि का स्वागत अभिनंदन करते हुए इस कार्यक्रम मे उपस्थित होने के लिए आभार प्रदर्शन करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षकीय जीवन अत्यंत जिम्मेदारी, धैर्य, ईमानदारी का होता है जिसमें हम सभी को कार्य करना पड़ता है ,बहुत चुनौती होता है जिसे स्वीकार कर कार्य करने वाला ही सफल होता है।तिग्गा मैडम अपने सेवा अवधि में निष्कलंक ,सफलतापूर्वक सेवा कार्य को पूर्ण की है जो अत्यंत गौरव का विषय है तथा उनके कार्यों से हमें प्रेरणा लेना चाहिए।उनके शेष जीवन भी खुशहाली पूर्वक व्यतीत हो ऐसी हम सभी की शुभकामनाएं हैं।कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री निलेश्वर चंद्राकर ,रामभजन साय,दीपिका कुजूर मैम,भावना पैंकरा मैम ,रश्मि जलतरंग मैम ,चुडा़वती पैंकरा ,प्रभा सरोजिनी टोप्पो मैम ,निमन राशि मैम ,सरिता रौतिया मैम ,निशा गुप्ता ,विन्दिया खलखो ,ममता गुप्ता ,मंजूलता यादव ,सुचिता मिंज ,दिनेश खुंटिया ,श्री पावल तिर्की, घनश्याम पैंकरा ,अजय मिंज ,मंजूला डेविड ,स्वर्णलता लकड़ा ,कुसमलता दिवाकर ,निलेश्वरी सोरेन ,शिमला बाई ,अनिता चौहान सभी का विशेष योगदान रहा ।