युवा बेरोजगार है....
1.कड़ी मेहनत कर, रोटी की दरकार है।
घर आए मेहमान का,हमेशा से सत्कार है।।
महगाई आसमान छूती, टूट रहा बाजार है।
पढ़ा लिखा होकर भी,युवा बेरोजगार है।।
2. आरक्षण की आड़ में,पीस रहा संसार है।
पढ़ लिख कर क्या करें, इंसान आज लाचार है।।
स्वार्थ के खातिर जी रहे,राजनीति का सरकार है।
पढ़ा लिखा होकर भी,युवा बेरोजगार है।।
3. पेट के खातिर जीना, ऐसा क्या सत्कार है।
अंगूठा छाप राज करे, ऐसा क्या चमत्कार है।।
राजनीति की आड़ में,टैलेंट से खिलवाड़ है।
पढ़ा लिखा होकर भी,युवा बेरोजगार है।।
4. चेहरे पर एक आस लेकर, करियर का इंतजार है।
न मिलेगी नौकरी फिर भी,उस पल का दीदार है।।
आंखो के सपने सजाकर, रोजगार की दरकार है।
पढ़ा लिखा होकर भी,युवा बेरोजगार है।।
5.आज मैंने एहसास लिखी, जीवन की पुकार है।
- नौकरी दे सबको, ऐसा मन में विचार है।।
जीवन की सच्चाई यही,सबकी पुकार है।
पढ़ा लिखा होकर भी,युवा बेरोजगार है।।
"आज बेरोजगारी बहुत बड़ी समस्या है"
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