शासकीय प्राथमिक विद्यालय दासडुमरटोली में विद्यालय प्रवेश उत्सव: नन्हे-मुन्नों का हुआ भव्य स्वागत, उज्ज्वल भविष्य की दी शुभकामनाएं!

 शासकीय प्राथमिक विद्यालय दासडुमरटोली में विद्यालय प्रवेश उत्सव: नन्हे-मुन्नों का हुआ भव्य स्वागत, उज्ज्वल भविष्य की दी शुभकामनाएं!

छत्तीसगढ़ के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की शिक्षा के प्रति दूरदर्शी सोच और बच्चों के सुनहरे भविष्य की मंशा को साकार करते हुए जशपुर जिले में विद्यालयों में नए सत्र का आरंभ बड़े उत्साह और उमंग के साथ किया जा रहा है। इसी क्रम में जशपुर जिले के जिला शिक्षा अधिकारी श्री प्रमोद कुमार भटनागर के निर्देशन तथा विकासखंड शिक्षा अधिकारी जशपुर श्रीमती कल्पना टोप्पो के विशेष मार्गदर्शन में शासकीय प्राथमिक शाला दासडुमरटोली में विद्यालय प्रवेश उत्सव बड़े धूमधाम और गरिमामयी माहौल में संपन्न हुआ। इस अवसर ने न केवल बच्चों में शिक्षा के प्रति उत्साह जगाया बल्कि अभिभावकों को भी सरकारी विद्यालयों में उत्कृष्ट शिक्षा की ओर आकर्षित किया।

भव्य स्वागत से खिले नन्हे-मुन्नों के चेहरे

विद्यालय परिसर इस अवसर पर उत्सव स्थल में तब्दील हो चुका था। नन्हे-मुन्ने बच्चों का स्वागत परंपरागत रीति से किया गया। छोटे-छोटे बच्चों के माथे पर तिलक-चंदन लगाया गया, आरती उतारी गई और पुष्प वर्षा से उनका अभिनंदन किया गया। उनका पहला विद्यालय आगमन पूरे ग्राम समुदाय के लिए उत्सव जैसा दृश्य प्रस्तुत कर रहा था। बच्चों के मासूम चेहरे पर मुस्कान और उनकी आंखों में सपनों की चमक हर किसी का मन मोह रही थी।

गौरवमयी उपस्थिति ने बढ़ाई कार्यक्रम की शोभा

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वार्ड क्रमांक 12 के पंच श्री विक्रम भगत और विशिष्ट अतिथि वार्ड क्रमांक 13 की पंच श्रीमती बबीता भगत रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री टुमनू गोसाई ने की। इनके अतिरिक्त शाला की प्रधानपाठिका श्रीमती फिरदौस खानम, सहायक शिक्षक श्री मुकेश कुमार, विद्यालय के अन्य शिक्षकगण,, नॉन टीचिंग स्टाफ, ग्राम के गणमान्य नागरिक, पालकगण एवं विद्यालय के पूर्व छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना से हुआ शुभारंभ

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने अपने हाथों से बनाए पुष्पगुच्छ देकर सभी अतिथियों एवं उपस्थित पालकों का आत्मीय स्वागत किया। प्रधानपाठिका श्रीमती फिरदौस खानम द्वारा स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया गया, जिसमें उन्होंने विद्यालय की उपलब्धियों, शैक्षिक वातावरण और आगामी योजनाओं की जानकारी दी।

उत्सव में बिखरी प्रेरणादायी संदेशों की सुगंध

मुख्य अतिथि श्री विक्रम भगत और सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री टुमनू गोसाई ने बच्चों को आशीर्वाद स्वरूप तिलक चंदन लगाया, पाठ्यपुस्तकें और गणवेश वितरित किए। श्री गोसाई ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा, “आज की पीढ़ी को 21वीं सदी की चुनौतियों और अवसरों के अनुरूप खुद को तैयार करना होगा। पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों में अच्छे संस्कार, अनुशासन और आत्मनिर्भरता विकसित करना आवश्यक है। हमारे शासकीय विद्यालय किसी भी प्राइवेट स्कूल से कम नहीं हैं। यहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता है।”

उन्होंने अभिभावकों से आह्वान किया कि वे सरकारी स्कूलों पर भरोसा करें और अपने बच्चों का नामांकन शासकीय विद्यालयों में कराएं ताकि सभी को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिल सके।

विशिष्ट अतिथि श्रीमती बबीता भगत ने अपने संबोधन में कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप विद्यालय में शिक्षा की ऐसी व्यवस्था की गई है जिससे बच्चों का शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास हो सके। उन्होंने कहा कि बच्चों में पढ़ने-लिखने, सोचने-समझने और विचार अभिव्यक्ति की क्षमता विकसित करने के लिए शिक्षक, अभिभावक और विद्यार्थी मिलकर प्रयास करें।

शिक्षकों का संदेश: शिक्षा ही असली पूंजी

प्रधानपाठिका श्रीमती फिरदौस खानम ने बच्चों को मन लगाकर पढ़ाई करने, स्वच्छता का ध्यान रखने, बड़ों का आदर करने और विद्यालय की गतिविधियों में सक्रिय भाग लेने के लिए प्रेरित किया।

विद्यालय के सहायक शिक्षक श्री मुकेश कुमार ने कहा कि आज की प्रतिस्पर्धा भरी दुनिया में अंग्रेजी भाषा, हिंदी और गणित जैसे विषयों में दक्षता जरूरी है। उन्होंने बताया कि वे स्वयं विद्यालय में अतिरिक्त इंग्लिश स्पोकन क्लास संचालित करेंगे ताकि बच्चों को अंग्रेजी बोलने में आत्मविश्वास मिले और वे भविष्य में किसी भी चुनौती का सामना कर सकें। उन्होंने बच्चों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।


आभार और समापन

कार्यक्रम का संचालन भी श्री मुकेश कुमार ने अत्यंत कुशलता और सजीवता से किया। कार्यक्रम के अंत में प्रधानपाठिका श्रीमती फिरदौस खानम ने सभी अतिथियों, पालकों और ग्रामवासियों का हृदय से आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि विद्यालय के शिक्षक, शिक्षिका, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, नॉन टीचिंग स्टाफ और ग्रामवासी बच्चों को उत्तम शिक्षा देने और विद्यालय को नए शिखर पर ले जाने के लिए एकजुट हैं।

सरकारी स्कूल: बच्चों का सुनहरा भविष्य

शासकीय प्राथमिक शाला दासडुमरटोली के इस विद्यालय प्रवेश उत्सव ने यह प्रमाणित किया कि सरकारी स्कूलों में न केवल पढ़ाई बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए भरपूर अवसर और संसाधन उपलब्ध हैं। यहां योग्य और समर्पित शिक्षकगण, आधुनिक शिक्षण पद्धतियां, नैतिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा और बच्चों को प्रोत्साहित करने वाला माहौल है।

आज जब समाज में शिक्षा को लेकर अनेक विकल्प मौजूद हैं, तब यह कार्यक्रम अभिभावकों को यह सोचने पर मजबूर करता है कि सरकारी विद्यालय वास्तव में उनके बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कुंजी बन सकते हैं। सरकारी स्कूलों में मुफ्त पाठ्यपुस्तकें, गणवेश, मध्यान्ह भोजन, योग्य शिक्षकों का मार्गदर्शन और बच्चों के सर्वांगीण विकास पर बल देने वाली योजनाएं मौजूद हैं, जिससे बच्चों को प्राइवेट स्कूलों से कहीं बेहतर सुविधाएं और शिक्षा मिल रही है।


पेरेंट्स के लिए संदेश

शासकीय प्राथमिक शाला दासडुमरटोली सभी अभिभावकों का आह्वान करता है कि वे अपने बच्चों को इस विद्यालय में नामांकित करें और उनकी शिक्षा की मजबूत नींव रखें। यहां बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ संस्कार, अनुशासन और नैतिक शिक्षा दी जाती है ताकि वे एक अच्छे नागरिक बन सकें और समाज तथा राष्ट्र की प्रगति में योगदान दें।

विद्यालय के इस सफल और प्रेरक आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर निरंतर ऊंचाई छू रहा है। विद्यालय प्रवेश उत्सव की यह गौरवमयी गाथा न केवल बच्चों के मन में पढ़ाई के प्रति उत्साह भरती है बल्कि अभिभावकों को सरकारी शिक्षा प्रणाली पर गर्व करने का अवसर भी देती है।



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