किसी के सम्मान या स्मृति में पेड़ लगाना एक स्थायी, जीवंत श्रद्धांजलि है

 किसी के सम्मान या स्मृति में पेड़ लगाना एक स्थायी, जीवंत श्रद्धांजलि है जो वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है।

विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर जशपुर के डीपाटोली के ईसाई समुदाय के द्वारा वृक्षारोपण कर प्रकृति को सुरक्षित बनाने का सन्देश दिया गया का संदेश दिया गया। भारत देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं छत्तीसगढ़ के  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय  जी के आह्वान पर मां के नाम एक पेड़ के इस वाक्य को चरितार्थ करते हुए विश्व आदिवासी दिवस 200 से अधिक पेड़ पौधे लगाकर प्रकृति में रहने वाले रह वासियों के लिए एक नया संदेश दिया। 

समुदाय हमेशा से ही प्रकृति संरक्षण की बात को बढ़ाव दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के आह्वान पर एक पेड़ माँ के नाम  सन्देश को चरितार्थ किया। जशपुर जिला आदिवासी बाहुल्य वाला जिला है प्रकृति के संरक्षक आदिवासी   है उन्हें प्रकृति से प्रेम है और जंगल के कटने से उन्हें बहुत ही दर्द होता है। इस पावन अवसर पर पेड़ लगाना और सरक्षण का सन्देश देना इस बात का परिचायक है।प्रकृति है तो इस दुनियां का अस्तित्व है। इस अवसर ईसाई आदिवासियों ने संकल्प लिया है।

1.पेड़ पौधा की रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है।

2. हम सभी खाली जगह पर पेड़ पौधे का रोपण कर प्रकृति को बचाएंगे।

3. पेड़ लगाएंगे और सबको बताएंगे कि पेड़ पौधे हमारे जीवन का अभिनंदन है कृपया इससे छेड़छाड़ ना करें।

 हमारे देश भारत की संस्कृति एवं सभ्यता वनों में ही पल्लवित तथा विकसित हुई है यह एक तरह से मानव का जीवन सहचर है वृक्षारोपण से प्रकृति का संतुलन बना रहता है 

वृक्ष अगर ना हो तो सरोवर (नदियां )में ना ही जल से भरी रहेंगी और ना ही सरिता ही कल कल ध्वनि से प्रभावित होंगी वृक्षों की जड़ों से वर्षा ऋतु का जल धरती के अंक में पोहचता है यही जल स्त्रोतों में गमन करके हमें अपर जल राशि प्रदान करता है वृक्षारोपण मानव समाज का सांस्कृतिक दायित्व भी है क्योंकि वृक्षारोपण हमारे जीवन को सुखी संतुलित बनाए रखता है वृक्षारोपण हमारे जीवन में राहत और सुखचैन प्रदान करता है यह वृक्षारोपण कार्यक्रम ईसाई समुदाय का डीपाटोली कब्रिस्तान में किया पौधारोपण   के कार्यक्रम के अवसर  डॉ तिनथियुस, लोरेन्स, जेवियर , कमल, विमल, रवि, जोहानी, अजय, स्वाति, विपिन एवं समाज के अन्य सभी कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे।

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