पंडित सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय में10 में से 2 दिवस का कक्षा समाप्त....छात्र अध्यापकों को चार निकेतन में बांटा गया और........

 पंडित सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय में10 में से 2 दिवस का कक्षा समाप्त.... छात्र अध्यापकों को चार निकेतन में बांटा गया और........

बिलासपुर - पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय बिलासपुर छत्तीसगढ़ में b.ed प्रथम वर्ष के छात्राध्यापक के लिए संपर्क क्लास का आयोजन दिनांक 25 अप्रैल 2022 से लेकर के 6 मई 2022 तक चल रही है जिसका 2 दिन का क्लास समाप्त हो चुका है गत दिवस के कुछ गतिविधियों का यहां पर चर्चा की जा रही है अर्थात आप सभी को इन दो दिवस में हुए सभी कार्यकलापों की जानकारी विस्तार पूर्वक मिलेगी।

                    प्रथम दिवस 25/04/2022

दिनांक 25/04/2022 को विश्वविद्यालय कैंपस में छत्तीसगढ़ के सभी क्षेत्रों से विद्यार्थियों का आगमन हुआ,लगभग सभी संभाग से छात्राध्यापक आए हैं जिनकी संख्या 100 है।पहले दिवस पर सभी छात्र अध्यापकों को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉक्टर प्रकृति जेम्स मैडम ने सभी को वेलकम करते हुए प्रथम दिवस का कक्षा प्रारंभ किया। सभी छात्राध्यापक उनके क्लास में बहुत ही उत्साह पूर्वक उनकी बातों को सुन रहे थे डॉक्टर जेम्स मैम ने सभी छात्र अध्यापकों को 10 दिवस में होने वाले सभी 


गतिविधियों का विस्तार पूर्वक चर्चा किया और उन्होंने बारीकी से पाठ्यक्रम के सभी पहलुओं को छात्र अध्यापकों के सामने रखी। डॉक्टर जेम्स मैम ने सभी छात्र अध्यापकों को चार निकेतन में बांट दिया जिसमें सीरियल क्रमांक 1 से 25 तक प्रथम ग्रुप, 26 से 50 तक द्वितीय ग्रुप,51 से 75 तक तृतीय ग्रुप तथा 76 से 100 तक के विद्यार्थियों को चार अलग-अलग निकेतन में बांट दी जिसके अनुसार अन्य गतिविधि संचालित होंगी ।उन्होंने सभी छात्र अध्यापकों से कहा कि आप सभी निकेतन का नाम रखें और


एक ग्रुप लीडर का भी चयन करें । उन्होंने  छात्रअध्यापकों को निकेतन के माध्यम से अलग अलग गतिविधि करने का मार्गदर्शन भी की जैसे प्रथम ग्रुप को binding , द्वितीय ग्रुप को गार्डेनिंग , तृतीय ग्रुप को रिपोर्ट राइटिंग और चौथे ग्रुप को फोटोग्राफी का कार्य सौपा।इस प्रकार प्रथम दिवस का उनका लेक्चर समाप्त हुआ।  द्वितीय कालखंड में विश्वविद्यालय के शिक्षक श्री पवन सिंह राजपूत ने शिक्षा के परिपेक्षय पर आधारित उन्होंने सभी छात्र अध्यापकों को बहुत विस्तार से जानकारी प्रदान किए जिसमे उन्होंने विषय की गहनता को बारीकी से समझाने का प्रयास  किया। उसके पश्चात तृतीय कालखंड में


डॉ अनीता सिंह ने  इन 10 दिवस में किस प्रकार पाठ योजना का निर्माण करना है किस प्रकार लेसन प्लान बनाना है किस-किस कौशल पर कार्य करना है ,इसके बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए सभी छात्रअध्यापकों का मार्गदर्शन की।सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि डॉक्टर सिंह ने शैक्षिक उद्देश्य पर महत्वपूर्ण बात रखीं 1.शैक्षिक उद्देश्य 2. ज्ञानात्मक उद्देश्य,3. भावात्मक/ अवबोधात्मक  उद्देश्य 4. क्रियात्मक उद्देश्य। विकासात्मक प्रश्न  जो होते हैं वह पाठ के विकास में सहायक होते हैं। यह बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी उन्होंने सभी शिक्षार्थियों के समक्ष रखी जिससे छात्राधापकों में एक नया सोच विकसित करने वाला एक नया सोच जागृत करने के रूप में देखा जा रहा है। इस प्रकार प्रथम दिवस का समापन हुआ ।


                  द्वितीय दिवस 26/04/2022

अब द्वितीय दिवस का कक्षा तय समय पर शुरू हुआ।कक्षा में इस दिन विषय आधारित शिक्षा प्रथम कालखंड में दिया गया अर्थात हिंदी विषय के छात्रअध्यापक हिंदी कक्षा में ,गणित के छात्राध्यापक गणित कक्षा में और विज्ञान के छात्राध्यापक विज्ञान कक्षा में  अध्ययन किया। द्वितीय कालखंड में डॉक्टर प्रकृति जेम्स मैम ने सामूहिक चर्चा करते हुए निकेतन का नाम पूछा और क्लास लेना प्रारंभ की ।उन्होंने लेसन प्लान की कॉपी 1 नग 20प्लान बनाना अनिवार्य होगा जिसमें 5  प्लान में मेंटर द्वारा चेक होना अनिवार्य होगा। मेंटर समीक्षा 1 नग बनाना अनिवार्य होगा। सील लिफाफा में मेंटर द्वारा दिए गए प्रपत्र का होना अनिवार्य होगा। जिस पत्रक में मेंटर का सील और हस्ताक्षर अनिवार्य होगा।


इस प्रकार की जानकारी देते हुए डॉक्टर जेम्स ने तृतीय विषय समकालीन भारतीय शिक्षा के बारे बताते हुए 1951 से 2011 तक की साक्षरता %  क्रमशः 18%,74% की जानकारी बहुत ही विस्तार पूर्वक बताई। उन्होंने महिला साक्षरता दर की स्थिति पर बहुत ही गंभीरता पूर्वक अपने वक्तव्य में प्रस्तुत की।उन्होंने प्राचीन कालीन शिक्षा व्यवस्था में अंतर को एक चार्ट के माध्यम से समझाया जिसमें मैम ने वैदिक कालीन शिक्षा,बौधकालीन शिक्षा,मुस्लिम कालीन  शिक्षा व्यवस्था में अंतर को स्पष्ट किया। उन्होंने चार्ट में मुख्य बिंदु  समावेश अनिवार्य रूप से करने को कहा ....1. समय 2.उद्देश्य,3.शिक्षण विधियां 4. गुरु शिष्य समय संबंध,5. शैक्षिक केंद्र, 6.परीक्षा एवम उपाधि प्रणाली 7. महिलाओं की शिक्षा। उपर्युक्त बिंदु के आधार पर प्राचीन कालीन शिक्षा व्यवस्था की अध्ययन करने के लिए सभी छात्राध्यापकों गृहकार्य भी दी।

डॉक्टर जेम्स ने बुनियादी शिक्षा जो हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने दिया,शिक्षा की उपयोगिता को सबके सामने प्रस्तुत की।उसके पश्चात मैम का कालखंड समाप्त हुआ। लंच अवकाश होने के पश्चात श्रीमती वर्षा शशि नाथ मैम का कालखंड शुरुहुए जिसमें मैम ने शिक्षा में सूचना एवं संचार प्रणाली के विषय में बहुत अच्छी जानकारी प्रस्तुत की,जिसमे श्रीमती शशि ने प्रस्तावना में क्रियात्मक अनुसंधान के बारे में विस्तार से चर्चा की।

परिकल्पना आधारित उतर देने का प्रयास करना इस प्रकरण पर  विशेस चर्चा की। उन्होंने बताया संभावित उत्तर तक पहुंचना ही परिकल्पना कहलाती है। इस प्रकार मैम का कालखंड समाप्त हुआ। चतुर्थ कालखंड में डॉक्टर अनिता सिंह एवं श्रीमती अंजु खेस्स ने सूक्ष्म शिक्षण पाठ योजना के विषय में छात्राध्यापकों  से अपने विचार शेयर किए। इस कालखंड में श्रीमती अंजु मैम ने विस्तारपूर्वक सूक्ष्म पाठ योजना को समझाया ,जिसमें मैम ने निम्न बिंदुओं पर चर्चा की।

जिसमे उन्होंने निम्न कौशल के घटक के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की।

1.क्या पूर्व ज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे गए?

2.क्या कथनों का विषयवस्तु और उद्देश्यों में संबंध था?

3.क्या विचार कथन तथा प्रश्न  श्रृंखलाबद्ध थे?

4. क्या उद्देश्यों के अनुसार सहायक सामग्री का प्रयोग किया गया?

5. क्या पाठ प्रस्तावना की अवधि उपयुक्त थी?

6. क्या शिक्षक विद्यार्थी में रुचि और अभिप्रेरणा पैदा कर सका?

इस बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए उदाहरण से सूक्ष्म पाठ योजना का समझाई। इसके पश्चात मैम का कालखंड समाप्त हुआ।

पंचम कालखंड में श्री गिरीश कुमार मंडल ने प्रदर्शनकारी कला एवम शिक्षा के प्रैक्टिकल कार्य के बारे में सभी शिक्षार्थियों को विशेष रूप से जानकारी प्रदान किए, जिसमें श्री मंडल ने विभिन्न गतिविधियों के बारे में   जानकारी प्रदान की उन्होंने कला के अंतर्गत कौन कौन सी विधा के अंतर्गत क्या होगा इसके बारे में बताया।

1.एकल गायन (लोकगीत) 2 मिनट

2. सामूहिक गायन(लोकगीत) 3 मिनिट

3. एकांकी/नाटक (समाजिक मुद्दे पर आधारित) 10 मिनट

4.समूह नृत्य( लोकनृत्य) 10 मिनट

5.विविध (अन्य विविध कौशल) 15 मिनट


उपर्युक्त विधा में ही सभी निकेतन को कार्यक्रम करना है

श्री मंडल ने फ्लैक्स बनाने के लिए कहा है जिसमें     आजादी का  अमृतमहोत्सव  इसका उल्लेख होना अनिवार्य है। इस प्रकार द्वितीय दिवस के का कक्षा का समापन हुआ।


पूरे छात्रअध्यापकों को 4 निकेतन में बांटा गया। जैसा जानकारी निकल कर सामने आ रही है उसके अनुसार...


1. अरपा निकेतन - लीडर    -

2.  शिवनाथ निकेतन  -लीडर -मुकेश कुमार

3. महानदी निकेतन-लीडर-

4. इंद्रावती निकेतन-लीडर-


✍️मुकेश कुमार(शिवनाथ निकेतन)ग्रुप -2

सहयोग - खेमराज राजवाड़े


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