*स्वामी आत्मानंद शासकीयअंग्रेजी माध्यम विद्यालय जशपुर में गांधी जयंती के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए....*।
स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय जशपुर में दिनांक 02/10/2021को महात्मा गांधी जी के जयंती पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें कक्षा 9से 12 तक के सभी छात्र,छात्राएं इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य विनोद गुप्ता ने कार्यक्रम की अध्यक्षता किए।प्राचार्य महोदय ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवम आजाद भारत के दूसरे प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन एवम माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुवात किए। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के शिक्षक श्री डी. डी. स्वर्णकार जी ने किया। इस पावन बेला में विद्यालय के छात्र छात्राओं ने निबंध ,भाषण एवम चित्रकला प्रतियोगिता एवम प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में अपनी भागीदारी प्रस्तुत कर गांधी जयंती के स्वर्णिम बेला को सार्थक बनाया। कार्यक्रम में विजयी प्रतिभागियों को प्राचार्य द्वारा पुरुस्कृत भी किया गया।
विद्यालय के प्राचार्य श्री विनोद गुप्ता ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी जी ने सत्य अहिंसा के बाल पर अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए। श्री गुप्ता ने कहा कि विद्यार्थियों को उनके (महात्मा गांधी) द्वारा बताए गए आदर्शों पर चलते हुए व्यक्तित्व विकास की बात कही ।
विद्यालय के शिक्षक श्री मुकेश कुमार ने गांधी जी के प्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीताराम....गाकर मंत्र मुग्ध किया तथा आज के दिवस को यादगार बनाया।इस कार्यक्रम में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की शिक्षिका सुश्री प्रियंका टोप्पो ने किया।कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन विद्यालय के शिक्षक श्री महेश गुप्ता ने किया। इस कार्यक्रम के अवसर पर विद्यालय की शिक्षक/शिक्षिका विद्यालय के वरिष्ट श्री एन. केरकेट्टा,श्रीमती श्वेता श्रीवास,श्रीमती सविता बाई, श्री एस.आर. भगत एवं नॉन टीचिंग स्टाफ का अमूल्य सहयोग रहा।
विद्यालय में इस अवसर पर पूरे विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन फैंसीड्रेस (अर्थात गांधी जी) का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया है। जिसमें विद्यालय के चारों हाउस अरपा,महानदी,शिवनाथ,एवम इंद्रावती के मध्य कड़ी परिस्पर्धा है। कुछ तस्वीर सामने आई भी है...
*आइए जानें गांधी जयंती राष्ट्र पर्व के बारे में
मोहनदास करमचन्द गांधी (जन्म: 2 अक्टूबर 1869 - निधन: 30 जनवरी 1948) जिन्हें महात्मा गांधी के नाम से भी जाना जाता है, भारत एवं भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह (व्यापक सविनय अवज्ञा) के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत को भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया। उन्हें दुनिया में आम जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है। संस्कृत भाषा में महात्मा अथवा महान आत्मा एक सम्मान सूचक शब्द है। गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले 1915 में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था। एक अन्य मत के अनुसार स्वामी श्रद्धानन्द ने 1915 मे महात्मा की उपाधि दी थी, तीसरा मत ये है कि गुरु रविंद्रनाथ टैगोर ने महात्मा की उपाधि प्रदान की थी। 12 अप्रैल 1919 को अपने एक लेख मे | उन्हें बापू (गुजराती भाषा में બાપુ बापू यानी पिता) के नाम से भी स्मरण किया जाता है। एक मत के अनुसार गांधीजी को बापू सम्बोधित करने वाले प्रथम व्यक्ति उनके साबरमती आश्रम के शिष्य थे सुभाष चन्द्र बोस ने 6 जुलाई 1944 को रंगून रेडियो से गांधी जी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित करते हुए आज़ाद हिन्द फौज के सैनिकों के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ माँगीं थीं।प्रति वर्ष 2 अक्टूबर को उनका जन्म दिन भारत में गांधी जयन्ती के रूप में और पूरे विश्व में अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है
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