जशपुर जिले के स्कूली छात्रों को मिलेगी ज्ञानवर्धक पुस्तकों की सौगात, प्राथमिक से उच्चतर माध्यमिक स्तर तक पुस्तक वितरण की विस्तृत योजना
जशपुर, छत्तीसगढ़। शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार और बच्चों में पठन-पाठन की रुचि बढ़ाने के लिए समग्र शिक्षा अभियान के तहत भारत सरकार के शासकीय संस्थान NBT (नेशनल बुक ट्रस्ट), CIIL (सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन लैंग्वेजेज) मैसूर एवं अन्य प्रकाशकों के सहयोग से पुस्तकों की आपूर्ति की जा रही है। यह पहल छात्रों के शैक्षणिक विकास के साथ-साथ FLN (Foundational Literacy and Numeracy) मिशन को सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
जिला मिशन समन्वयक, समग्र शिक्षा, जशपुर के निर्देशानुसार जिले के विकासखंडवार शालाओं को कक्षा 1 से 12वीं तक के लिए उपयुक्त पुस्तकों के बंडल प्रदान किए जाएंगे। राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा, रायपुर द्वारा आयोजित वेबिनार दिनांक 21 मार्च 2025 के निर्देशों के अनुपालन में यह व्यवस्था की गई है।
प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर पर पुस्तक आपूर्ति
विकासखण्ड स्तर पर कक्षा 1 से 5वीं तक के लिए प्रति शाला 39 पुस्तकों का बंडल दिया जाएगा। इसी तरह कक्षा 6वीं से 8वीं तक के लिए 132 पुस्तकों का बंडल प्रति शाला दिया जाएगा। वहीं, कक्षा 9वीं एवं 10वीं के लिए 01 पुस्तक प्रति शाला तथा कक्षा 9वीं से 12वीं तक की उच्च माध्यमिक शालाओं को 01 पुस्तक का बंडल प्रदान किया जाएगा।
NBT के तहत कक्षा 1 से 8वीं तक के लिए कोई पुस्तक नहीं दी जा रही है, परंतु कक्षा 9वीं से 10वीं के लिए प्रति हाई स्कूल एवं उच्चतर माध्यमिक शाला को 48 पुस्तकों का बंडल एवं कक्षा 9वीं से 12वीं के लिए उच्चतर माध्यमिक स्कूलों को 67 पुस्तकों का बंडल प्रदान किया जाएगा।
FLN योजना के अंतर्गत पुस्तकों की आपूर्ति
FLN योजना के अंतर्गत प्राप्त पुस्तकें शाला स्तरीय छात्रों की संख्या के अनुसार वितरित की जाएंगी, ताकि प्रत्येक विद्यार्थी तक इनका लाभ पहुँच सके। इन पुस्तकों में यू-डाइस कोड प्रिंट किया जाएगा जिससे इनकी पहचान और ट्रैकिंग संभव हो सकेगी।
पुस्तकों का वितरण एवं रिपोर्टिंग प्रक्रिया
जिले में विकासखंडवार शालाओं में प्राप्त बंडलों की आपूर्ति प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक तीनों स्तरों पर की जाएगी। इसके तहत प्राथमिक स्तर पर 45 पुस्तकों का सेट, माध्यमिक स्तर पर 59 पुस्तकों का सेट एवं उच्चतर माध्यमिक स्तर पर 31 पुस्तकों का सेट प्रदाय किया जाएगा। इसके अतिरिक्त सेकेंडरी स्तर पर 37 पुस्तकों का सेट भी शालाओं को प्रदान किया जाएगा।
प्रत्येक विकासखण्ड में CAC (Cluster Academic Coordinator) के माध्यम से पुस्तकों का वितरण सुनिश्चित किया जाएगा। CAC अपने संकुल के प्रत्येक स्कूल में पुस्तक स्टॉक रजिस्टर में एन्ट्री कराएंगे तथा पुस्तकों के कवर पेज के अलावा कम से कम 10 पेजों में शाला की सील एवं हस्ताक्षर लगाकर प्रमाण-पत्र बनाएंगे। इन प्रमाण-पत्रों को विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड स्त्रोत केंद्र समन्वयक एवं हस्ताक्षरित जिला मिशन समन्वयक को सौंपना होगा।
मॉनिटरिंग और राज्य स्तरीय रिपोर्टिंग
पूरे वितरण एवं क्रियान्वयन की प्रक्रिया की निगरानी जिला एवं राज्य स्तर की टीम द्वारा की जाएगी। इसके अंतर्गत प्रत्येक विकासखण्ड से प्रमाण-पत्र संलग्न कर समय-सीमा में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा पूरी कार्यवाही की मॉनिटरिंग की जाएगी, ताकि योजना के उद्देश्य को प्रभावी रूप से क्रियान्वित किया जा सके।
समग्र शिक्षा अभियान का उद्देश्य
समग्र शिक्षा अभियान के तहत यह पहल छात्रों के पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने, भाषा ज्ञान को समृद्ध करने एवं सृजनात्मकता को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण सामग्री उपलब्ध कराकर न केवल उनका बौद्धिक विकास होगा, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।
NBT एवं CIIL जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से प्राप्त पुस्तकों की विविधता और गुणवत्ता से यह सुनिश्चित होता है कि छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की श्रेष्ठ सामग्री तक पहुँच मिलेगी। इन पुस्तकों में कहानी, कविता, विज्ञान, गणित, सामाजिक अध्ययन आदि विषयों से संबंधित रोचक और शिक्षाप्रद सामग्री सम्मिलित है।
डिजिटल युग में पठन-पाठन की भूमिका
आज के डिजिटल युग में जहाँ मोबाइल और सोशल मीडिया छात्रों का ध्यान भटकाते हैं, ऐसे में पुस्तकों से मित्रता कराना और उन्हें पढ़ने की आदत विकसित करना अत्यंत आवश्यक हो गया है। इस अभियान से छात्रों को पुस्तकालय संस्कृति से जोड़ने में मदद मिलेगी, जिससे उनका आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
जिले के शिक्षा अधिकारियों की सक्रिय भूमिका
इस कार्य में जिले के सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारी, संकुल समन्वयक एवं शाला प्रधानाध्यापकों की सक्रिय सहभागिता अपेक्षित है। सभी संबंधित अधिकारियों को समयसीमा में कार्य पूर्ण करने एवं राज्य स्तर पर आवश्यक जानकारी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
निष्कर्षतः, जशपुर जिले में पुस्तकों के इस सुनियोजित वितरण अभियान से निश्चित रूप से स्कूली छात्रों के बौद्धिक विकास को गति मिलेगी। सरकार की यह पहल ग्रामीण और आदिवासी अंचलों में शिक्षा के स्तर को सशक्त करने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।