पी. एच. डी प्रवेश प्रक्रिया में धांधली, अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में लगाई याचिका , चयन सूची रद्द करने की मांग

संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय सरगुजा अंबिकापुर छत्तीसगढ़ में पी. एच. डी. प्रवेश परीक्षा में  धांधली की गयी है।

साक्षात्कार में मनमानी तरीके से अंक देकर केवल साक्षात्कार के आधार पर चयन किये जाने से प्रवेश परीक्षा में  उत्तीर्ण अभ्यर्थी भड़क गए हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को लिखा  शिकायत पत्र।  अभ्यर्थी मुकेश कुमार 65 अंक लाकर  तीसरा स्थान प्राप्त करने के पश्चात चयन नहीं होने से  विश्वविद्यालय के कार्यप्रणाली  पर सवाल खड़े किये हैं अभ्यर्थी नंजू कुमारी 53 अंक लाकर चयन से बाहर। मुकेश कुमार  एवं नंजू  कुमारी  हिंदी विषय एवं अभिषेक कुमार गुप्ता कॉमर्स विषय ने पी. एच. डी. प्रवेश प्रक्रिया में धांधली होने पर हाई कोर्ट में याचिका   लगाई है। याचिका कर्ता मुकेश कुमार ने बताया की संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय सरगुजा ,अम्बिकापुर छ.ग. में दिनांक 12/07/2023 के अधिसूचना के आधार पर पी-एच.डी. करने हेतु प्रवेश परीक्षा दिनांक 10/12/2023 को दिया था जिसका परिणाम 12/ 03/ 2024 को आया। इस परिणाम में मुकेश कुमार ने 65 अंक प्राप्त करके हिन्दी विषय में तीसरे स्थान प्राप्त किया। तथा नंजू कुमारी ने 52 अंक प्राप्त कर 13 वाँ स्थान प्राप्त किया, कॉमर्स विषय में  अभिषेक कुमार गुप्ता ने  प्रवेश परीक्षा में 69 अंक लाकर प्रथम स्थान प्राप्त किया तत्पश्चात साक्षात्कार दिनांक 19/ 07 /2024 को विश्वविद्यालय परिसर पं. दीनदयाल उपाध्याय सभाकक्ष में आयोजित हुआ, जिसमें 30 अंकों के साक्षात्कार में Subject Knowledge and Research Methodology- 10 अंक Research Proposal- 10अंक, Research Competency-10 अंक के आधार पर हुआ। दिनांक 11/ 08/ 2024 को जारी चयन सूची में मुकेश कुमार एवं  नंजू कुमारी का नाम  हिंदी    विषय में नहीं है, साथ में अभिषेक कुमार गुप्ता कॉमर्स विषय का भी  चयन सूची में नाम नहीं है।

मुकेश कुमार  ने  चयन प्रक्रिया में निम्न बिन्दु पर  पूर्ण  आपत्ति दर्ज करायी है।

1. भारत का राजपत्र क्र.544 दिनांक 7 नवम्बर 2022 विश्वविद्यालय अनुदान आयोग केपेज क्र.4 के विन्दु क्र. 5 (च) अनुसार Entrance test का 70% weightage और30% weightage साक्षात्कार का दिया जाना है लेकिन चयन केवल साक्षात्कार को आधार मानकर किया गया है। जिससे लिखित परीक्षा को कोई महत्व नहीं दियागया है। इस सन्दर्भ में विश्वविद्यालय द्वारा कोई अधिसूचना नहीं दिया गया है। इस बिन्दू पर मुझे पूर्ण आपत्ति है। विश्वविद्यालय के आध्यादेश क्र42 में भी इसका उल्लेख है।


2. प्रवेश परीक्षा में 65 अंक प्राप्त करके विश्वविद्यालय में तीसरा स्थान प्राप्त किया और साक्षात्कार में शामिल हुआ और चयन सूची से बाहर किन्तु 46,50,51,53 अंक लाकरसाक्षात्कार देने वाले अभ्यर्थी का चयन सामान्य केटेगरी सूची में नाम है उपर्यक्त बिन्दुकर1 के अनुसार पूर्ण चयन सूची अवैध है तथा मुझे साक्षात्कार में जो पुछा गयाउसका 100 प्रतिशत सही जवाब दिया हूँ चूंकि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग, रायपुर जिला समन्वयक जिला जशपुर का दायित्व होने से साहित्य और भाषा की जानकारीमुझे है केवल साक्षत्कार को आधार बनाकर चयन किया जाना और लिखित परीक्षा की अनदेखी भारत सरकार के राजपत्र  के नियमों के खिलाफ है। अतः परिणाम रद्द होना चाहिए।


3. विश्वविद्यालय के अधिसूचना क्र.543 दिनांक 12/07/ 2023 के पेज क्र.2 के बिन्दू क्र8के अनुसार मैंने विश्वविद्यालय द्वारा जारी शोध निर्देशक से सहमति प्राप्त करके दिए गए फार्म में साइन करा कर विश्वविद्यालय में जमा किया हूँ। चूंकि मैं प्रवेश परीक्षा में 65अंक लाकर तीसरा स्थान प्राप्त किया हूँ। अतः मेरा चयन होना चाहिए था। अतः  रिजल्ट पक्षपात तरीके जारी किया गया है।


4. साक्षात्कार के समय शोध प्रारूप जमा नहीं लिया गया ,देखकर वापस कर दियागया,जिससे सवाल ये उठता कि किस आधार पर अंक दिए गए,केवल मौखिक आधार पर चयन किया जाना प्रासंगिक नहीं है, चुंकि शोध प्रारूप पर भी 10 अंक थे।प्रवेश परीक्षा के अंक को नजर अन्दाज करके चयन सूची जारी करना नियमों के विपरित है।

5. सहायक प्राध्यापक जो महाविद्यालय में कार्यरत हैं अथवा नेट /सेट क्वालीफाईअभ्यर्थी हैं उनका चयन भी प्रवेश परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी के साथ में एक जैसे नियम साक्षात्कार लिया गया । चयन अलग- अलग प्रक्रिया से क्यों नहीं किया गया।नेट /सेट क्वालीफाई अभ्यर्थीयों का चयन प्रक्रिया प्रवेश परीक्षा क्वालीफाई अभ्यार्थियों का चयन अलग होना चाहिए , जो नहीं किया गया यह प्रासंगिक नहीं है। यदि साक्षात्कार से ही चयन करना था तो प्रवेश परीक्षा नहीं लेना था। अतः चयन सूची पर मुझे पुर्ण आपत्ति है। चयन प्रकिया से सम्बधित नियम की अधिसूचना विश्वविद्यालय द्वारा नहीं दिया गया है। अतः चयन सूची रद्द होना चाहिए।

6 दो प्रकार अभ्यर्थीयों के चयन का आधार एक जैसे होना उचित नहीं हैं।चयन काआधार विज्ञापन पूर्व निर्धारित होना चाहिए,चयन प्रक्रिया के बीच नियम बदलना नियमों की अनदेखी है। साक्षात्कार चयन का आधार करना था तो प्रवेश परीक्षा नहीं लेना था।

7. चयन सूची में प्रतिक्षा सूची नहीं निकाला गया है। जो चयन प्रक्रिया के नियमों की अनदेखी है । प्रतिक्षा सूची न निकालना संशय को बढ़ावा दे रहा है। अतः परिणाम रद्द होना चाहिए।

৪. दिनांक 11/08/2024 जारी में मेरिट सूची जारी किया गया है उसके साथ अंक नही दिये गये है। जिससे मेरिट सूची किस आधार पर जारी हुआ ये पता नहीं चल रहा कि किसको कितना अंक मिला है। तत्पश्चात विश्वविद्यालय में आवेदन देने और आपत्ति के पश्चात् दिनांक 31/08/2024 को साक्षात्कार अंक के रिजल्ट जारी किये गए है। जिसमें कौन विषय में कितना अंक मिला स्पस्ट नहीं है। धांधली को छुपाने के लिए आनन फानन में रिजल्ट के 20 दिन पश्चात अंक जारी करना विश्वविद्यालय के कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान है। कुछ तो धांधली हुई है। अतः साक्षात्कार को रद्द किया जाना चाहिए।

10, हिन्दी विषय के लिए 33 सीट के लिए अवेदन मंगाया गया था किन्तु 37 अभ्यर्थी काचयन हुआ है। सीट बढ़ाने सम्बधी कोई अधिसूचना नहीं दिया गया है।



जो नियमों की अनदेखी को प्रदर्शित करता है। विश्वविद्यालय कभी भी अपने मर्जी से नियम बना रहा जिसकी सूचना आभ्यर्थी को नहीं दिया गया है।

11. विश्वविद्यालय द्वारा यदि नियमों में परिवर्तन किया गया है तो भी को सूचना नहीं दी गई है।

अतः महोदय जी से विनम्र प्रार्थना है कि जारी चयन सूची को रद्द करने की कृपा करें।इस प्रकार का चयन प्रणाली से मैं असन्तुष्ट हूँ और मुझे आपत्ति है। अतः चयन सूची रद्द होनी चाहिए। ये प्रवेश परीक्षा के आधार पर पी. एच. डी करने की  इच्छा से मेहनत करने वाले अभ्यर्थियों के साथ अन्याय है।




अभिषेक कुमार गुप्ता कॉमर्स ने निम्न आपत्ति लगाया है।




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