चिक/चीक समाज के पांच सदस्यों की टीम ने की मुख्यमंत्री जी से समाज समस्या विषयक की मुलाकात

 चिक/चीक समाज के पांच सदस्यों की टीम ने की मुख्यमंत्री जी से समाज समस्या विषयक की  मुलाकात


*रायपुर ब्रेकिंग*

छत्तीसगढ़ राज्य विभिन्न अनुसूचित जाति और जनजातियों वाला है,इसकी संस्कृति की अलग ही पहचान है,लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य में निवास करने वाले चिक जाति जो उपर्युक्त समूह की जाति होने के बावजूद आज आरक्षण हेतु दर दर की ठोकरें खा रहा है। कई सरकारें केंद्र और राज्य में आई लेकिन इनकी समस्या हल नहीं हो पाई बल्कि समाज समिति की कई पीढ़ी बीत जाने के पश्चात भी आज अपने हक लड़ाई के शासन को गुहार लगा रहे ताकि सरकार यहां के मूल निवासियों के दर्द को समझ सके। इस तारतम्य में कोरोना काल पश्चात जब थोड़ी चहल पहल ,आवा जाहि शुरू हुई, तो समाज के पांच सदस्यीय टीम चिक जाति कल्याण समिति सरगुजा संभाग के नेतृत्व में दिनांक 31 जुलाई को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी को अपना समस्या सुनाने हेतु रायपुर प्रवास पर गए।चिक समाज के 05 सदस्य   टीम में श्री दिलेश्वर चौहान अध्यक्ष चिक जाति कल्याण समिति सरगुजा संभाग  बलरामपुर जिला से श्री खसरू राम बुनकर जी, जिला सरगुजा से श्री गुठूराम जी एवं बलदेव चौहान सचिव चिक जाति कल्याण समिति सरगुजा संभाग तथा जिला जशपुर जिला से उदित चौहान (संभागीय मीडिया प्रभारी) शामिल हुए।

सरगुजा संभाग के समाज के युवा अध्यक्ष एवम जिला समन्वयक छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग जिला जशपुर  श्री मुकेश कुमार  ने बताया की

     मुख्यमंत्री जी के कार्यक्रम व्यस्तता के कारण तीन दिन तक मुलाकात नहीं हो पाई ,दिनांक 4 अगस्त को शाम 8:00 बजे चौथे दिन मुख्यमंत्री निवास में श्री भूपेश बघेल जी से भेंट कर  निवेदन किया गया की चिक/ चीक जाति के संबंध में शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर जशपुर द्वारा दिनांक 22/08/2019 एवम 03/09/2019 को दो दिवसीय जनसुनवाई कर अनुशंसा पत्र दिनांक 22/10/2019 को राज्य में निवासरत चिक/ चीक तथा चिकवा जाति को एक जाति समुदाय होने के कारण चिक/चीक जाति  को भी  संवैधानिक लाभ देने हेतू अनुशंसा किया गया है।पत्र को सलग्न करते हुए सरगुजा संभाग के माननीय विधायकों एवम मंत्रीगणों द्वारा आवेदन पत्र क्रमांक 65 दिनांक 3/11/2019 को समाज द्वारा पत्र प्रेषित किया गया है। जो की आज पर्यंत कार्यवाही न होकर लंबित है,उक्त प्रकरण को जल्द से जल्द निराकरण करने हेतु माननीय मुख्यमंत्री को 05 सदस्यीय टीम के द्वारा मुख्यमंत्री महोदय से निवेदन किया।

साथ में प्रतिनिधि मंडल ने समाज के तरफ से माननीय मुख्यमंत्री जी को निवेदन किया,पूर्व में 27 जातियों को जिस प्रकार तत्कालीन सरकार द्वारा मात्रा त्रुटि का लाभ दिया गया है उसी प्रकार चिक/चीक जाति को भी  चिकवा/चिकवी समूह का मानते हुए मात्रा त्रुटि का लाभ देने हेतु निवेदन किया गया । क्योंकि

1.छत्तीसगढ़ शासन की संवैधानिक संस्थाएं जैसे एसटी आयोग एससी आयोग उप त्रुटि मात्रा समिति व अनुसंधान केंद्र ने चिक/चीक़ और चिकवा को एक माना है।

2.छत्तीसगढ़ शासन में मात्रा त्रुटि में सूची का संशोधन नहीं किया अपितु उसे उस ग्रुप का मान कर दिया है।

3.1964 से चिक को चिकवा मानकर छात्रवृत्ति का लाभ दिया गया। जिसे 2009 में तत्कालीन सरकार ने भी देने का आदेश जारी किया है।

4.जैसे सहरा को सवरा ,खेरवार को खैरवार ,मानकर लाभ दिया जा रहा है तो चिक/चीक को चिकवा/ चिकवी मानकर लाभ क्यों नही दिया जा सकता है?

इस तरह माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रतिनिधि मंडल ने छत्तीसगढ़ में 27 जाति के आलावा चिक/चीक तथा अन्य जाति जो इस प्रकार के त्रुटि समस्या झेल रहे हैं उन जातियों की भी समस्या का समाधान करने हेतु निवेदन किया।

 माननीय मुख्यमंत्री जी ने समाज के बातों को बहुत ही गंभीरतापूर्वक धैर्य से सुना और समाज  को अधिकार दिलाने हेतु समाज के प्रतिनिधि मंडल को आश्वाशन दिया।

इस बीच समाज के सदस्यों ने नव नियुक्त छत्तीसगढ़ वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री सर्जियस मिंज जी से सौजन्य मुलाकात कर उक्त संबंध में उचित पहल करने हेतु निवेदन किया,प्रतिनिधि मंडल अनुसंधान संस्थान में जाकर  तथा अनुसंधान संस्थान के डायरेक्टर समी आबिदी जी को उक्त प्रकरण के निराकरण हेतु लिखित आवेदन भी किया,

  माननीय मुख्यमंत्री जी से भेंट करने में श्री यू .डी. मिंज विधायक  विधान सभा कुनकुरी एवम संसदीय सचिव तथा श्री मनोज सागर यादव जिलाध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी  का अमूल्य योगदान एवं सहयोग रहा।

 मुख्यमंत्री जी के आश्वाशन पश्चात समाज के  पधाधिकारी अपने गृह निवास की ओर रायपुर की प्रस्थान किए।

संभागीय युवा अध्यक्ष मुकेश कुमार ने बताया की चिक/चीक जाति भारत वर्ष के कई राज्यों में निवासरत हैं जैसे बंगाल,उड़ीसा,झारखंड,असम,

अंडमान निकोबार, और पड़ोसी बांग्लादेश में भी बहुल संख्या में हैं। जहां ये जाति अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में आते हैं और यहां छत्तीसगढ़ में चिकवा/ चिकवी अनुसूचित जाति  क्रमांक 16 में अंकित है। जबकि छत्तीसगढ़ राज्य में चिकवी जाति किसी भी जिले में नहीं पाई जाती है फिर भी यहां के राज्य सूची में चिकवी अंकित है, तथा चिकवा जाति जिनका राजस्व रिकार्ड में अंकित है,वो जशपुर जिला के केवल पत्थलगांव विकासखंड में है,जबकि अन्य 7 विकासखंड एवम जिला बलरामपुर,सरगुजा,कोरिया, सूरजपुर के राजस्व रिकार्ड में चिक/चीक अंकित है। उक्त विश्लेषण से ये कहा जा सकता है की शासन की लिपिकीय त्रुटि के कारण ये चिक/चीक अनुसूचित जाति आज आरक्षण की श्रेणी से बाहर है। क्या ये यहां के मूल निवासियों के अधिकार का हन्नन नहीं है, बिल्कुल हनन है।

अब देखना होगा की सरकार का दिल पसीजता है या नहीं क्योंकि वर्षों बीत गए आज तक  आश्वाशन ही मिला लेकिन कुछ कार्यवाही नहीं हो पाई।  चिक/ चीक समाज के लगभग 4-5 ,लाख लोग शासन के प्रति उम्मीद , आस और विश्वास के साथ टकटकी लगाकर देख रहे हैं।उनको उम्मीद है की शासन निश्चित ही इस बार उनकी पुकार सुनेगा। और उनकी समस्या का समाधान करेगा, क्योंकि कहा भी गया है:-

वह सरकार जो प्रजा की हितैसी  होती है,उसका यश युगों युगों तक फैलते ही रहता है और इस दुनियां में कर्म ही रह जाता है

Post a Comment

Previous Post Next Post